बारिश के बाद उमस से चक्कर आना और बेहोशी का खतरा
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Health, Diet plan, monsoon: heat and stuffiness after rains should be taken seriously |
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बेहोश व्यक्ति की ऐसे करें मदद
अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है, तो उसे फौरन खुली हवा में सीधा लिटा दें और उसके पैर थोड़े ऊपर कर दें। ऐसा करने पर ब्लड सर्कुलेशन ठीक हो जाता है। Health, Diet plan अगर बहुत गर्मी हो तो कपड़े को भिगोकर पीड़ित व्यक्ति के सिर और चेहरे को गीला कर दें। बेहोश व्यक्ति के चारों तरफ लोगों को जमा होने से रोकें, क्योंकि इससे उसे और ज्यादा घुटन महसूस होगी। उसके चेहरे पर पानी के छींटें मारें। हो सके तो पीड़ित व्यक्ति को ठंडी जगह या एसी में ले जाएं। अगर वह पानी पीने की हालत में है, तो उसका सिर ऊंचा उठाकर उसे थोड़ा-सा पानी पिलाएं। ऐसा करते समय बड़ी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि कई बार बेहोशी में पिलाया गया पानी फेफड़ों में चला जाता है। जो पहले से ही हार्ट, किडनी या लिवर के रोगी हों, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हार्ट और किडनी के कुछ मरीजों को ज्यादा पानी पीने से मना किया जाता है, ऐसे में वह डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
उमस खुद का करें बचाव
उमस के दिनों में प्यास के मुताबिक पानी पूरा पीएं। तरल पदार्थ लेते रहें और खाना भी वक्त से पूरा खाएं। ध्यान रहे प्यास के मुताबिक पूरा पीने का मतलब यह नहीं कि जरूरत से ज्यादा पानी पीने लगें। हां पसीना ज्यादा आए, तो ऐसी हालत में पानी थोड़ा ज्यादा पीना ठीक रहता है। शरीर में पानी और नमक की कमी न हो, इसके लिए नींबू पानी व नमक लेते रहें। बाहर जाते वक्त घर से पानी की बोतल, नींबू-पानी या शिकंजी लेकर ही निकलें और जैसे-जैसे पसीना आता जाए, इनमें से थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। शुगर के मरीजों को शिकंजी आदि लेने से बचना चाहिए और सिर्फ नींबू पानी, नमक या सादे पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। खुद के शरीर को सूखा और ठंडे माहौल में रखने की कोशिश करें। Health, Diet plan
योग से होगा बड़ा फायदा
Health, Diet plan, उमस के प्रभाव से बचाव के लिए आप वरुण मुद्रा का प्रयोग करें। इसके लिए हाथ के अंगूठे और कनिष्ठिका (सबसे छोटी) उंगली की टिप्स को मिला लें और बाकी तीन उंगलियां सीधी रखें। इसका उपयोग करने से शरीर में पानी की कमी नियंत्रित होने लगती है। इसे कभी भी किया जा सकता है। इसके अलावा शीतकारी क्रिया करें। इसके लिए जीभ को रोल की तरह लपेटकर तालू से लगा दें और खुले मुंह से सांस लें और नाक से छोड़ दें। 2-3 मिनट ऐसा करने पर गला तर हो जाएगा और पानी की कमी महसूस नहीं होगी।
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Health, Diet plan, बारिश के मौसम में चाय के साथ पकौड़े सभी को पसंद होते हैं लेकिन हम आपको बता दें कि इस मौसम में ज्यादा तले-भुने और फ्राइड खाने से बचना चाहिए क्योंकि हाई ह्यूमिडिटी के कारण इस तरह का खाना आपको पेट से सम्बंधित बीमारियों जैसे- पेट दर्द, अपच, कब्ज, ऐसिडिटी और फूड पॉइजनिंग का शिकार बना सकते हैं। समोसा, कचौड़ी, पकौड़ी, फ्राइज आदि के सेवन से इस मौसम में बचना चाहिए।
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Health, Diet plan, बारिश के मौसम में बासी खाना खाने से बचें। कई बार आप खाना फेंकना नहीं चाहते हैं इसलिए सुबह का खाना रात में या रात का खाना सुबह खा लेते हैं मगर बारिश के मौसम में ऐसा करने से आप गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। आम दिनों में ह्यूमिडिटी कम होने के कारण पके हुए खाने में 6 घंटे में फर्मेंटेशन की प्रक्रिया शुरू होती है वहीं बारिश के मौसम में हाई ह्यूमिडिटी के कारण ये प्रक्रिया 4 घंटे में ही शुरू हो जाती है इसलिए ज्यादा समय का बना हुआ खाना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
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